木槿(元末明初·舒頔)释义,解释
古诗文 | 木槿(元末明初·舒頔) |
释义 | 木槿(元末明初·舒頔) 押药韵 爱花朝朝开,怜花暮即落。 颜色虽可人,赋质无乃薄。 亭亭映清池,风动亦绰约。 彷佛芙蓉花,依稀木芍药。 炎天众芳彫,而此独凌铄。 慰目聊娱情,苍松在岩壑。 |
古诗文 | 木槿(元末明初·舒頔) |
释义 | 木槿(元末明初·舒頔) 押药韵 爱花朝朝开,怜花暮即落。 颜色虽可人,赋质无乃薄。 亭亭映清池,风动亦绰约。 彷佛芙蓉花,依稀木芍药。 炎天众芳彫,而此独凌铄。 慰目聊娱情,苍松在岩壑。 |